विटामिन डी शरीर के लिए एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है, जो न केवल हड्डियों का ध्यान रखता है बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डालता है। अध्ययन दर्शाते हैं कि विटामिन डी की कमी मानसिक अवसाद से जुड़ी हो सकती है। इस विटामिन की कमी जब सूर्य की पर्याप्त रोशनी नहीं मिलती, तब होती है। लोगों में ज्यों-ज्यों इसकी मात्रा कम होती है, अवसाद के लक्षण प्रकट हो सकते हैं।
कई वैज्ञानिकों का मानना है कि जब इस विटामिन की कमी होती है, तो मस्तिष्क में सेरोटोनिन हार्मोन का स्तर घट जाता है। इसका सीधा असर हमारे मनोभाव पर पड़ता है। इसके अलावा, शोध बताते हैं कि विटामिन डी न्यूरोप्रोटेक्टिव एजेंट के रूप में काम कर सकता है। इसके माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखना संभव हो सकता है।
इसके विपरीत कुछ अध्ययन अलग विचार पेश करते हैं। कई स्थानों पर परीक्षण आयोजित किए गए हैं जहां ये तथ्य सामने आए हैं कि विटामिन डी का स्तर और अवसाद के बीच कोई सीधा संबंध नहीं पाया जाता। हालांकि, यह प्रमाणित है कि जिन लोगों में विटामिन डी का स्तर पर्याप्त होता है, उनका मानसिक स्वास्थ्य अपेक्षाकृत बेहतर रहता है।
विभिन्न सांख्यिकीय अध्ययनों ने यह संकेत दिया कि विटामिन डी की कमी और अवसाद के बीच संबंध जटिल है। इससे यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि पुख्ता निष्कर्षों के लिए आगे और भी अनुसंधान की आवश्यकता है।
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